**नई दिल्ली:** **छठ पूजा** एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो विशेष रूप से **बिहार**, **उत्तर प्रदेश**, **झारखंड** और **नेपाल** के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पूजा खासतौर पर सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा के प्रति आस्था और श्रद्धा को प्रकट करने का अवसर होती है। छठ पूजा, 2024 में **11 नवम्बर** को शुरू होकर **14 नवम्बर** को समाप्त होगी। यह पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है।
### छठ पूजा का महत्व:
छठ पूजा का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पारिवारिक भी है। यह पर्व सिखाता है कि सूर्य देवता से सच्ची श्रद्धा और आस्था रखने पर जीवन में समृद्धि, सुख, और सुख-शांति का वास होता है। यह पर्व विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
### छठ पूजा के चार प्रमुख दिन:
1. **नहाय-खाय (11 नवम्बर 2024)**: छठ पूजा का पहला दिन होता है **नहाय-खाय**, जिसमें श्रद्धालु स्नान कर के शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। इस दिन लोग खासतौर पर **सूर्य देवता** के प्रति श्रद्धा दिखाते हुए घरों की साफ-सफाई और भोजन की तैयारी करते हैं।
2. **खटिया (12 नवम्बर 2024)**: दूसरे दिन को **खटिया** कहा जाता है, इस दिन श्रद्धालु व्रत में रहते हुए दिनभर उपवास रखते हैं और रात्रि को विशेष रूप से सूर्य देवता की पूजा करते हैं। इस दिन नदी, तालाब या किसी जल स्रोत में सूर्योदय से पहले उबले हुए चने और रोटी के साथ व्रत करने का प्रचलन है।
3. **सांझी (13 नवम्बर 2024)**: तीसरे दिन को **सांझी** कहते हैं, जब महिलाएं सूर्यास्त के समय **घट** लेकर पानी में खड़ी होकर सूर्य देव की पूजा करती हैं। यह दिन बहुत ही विशेष होता है क्योंकि इस दिन सूर्य देव के साथ-साथ चंद्रमा और पवित्र जल का भी महत्व होता है। इस दिन लोग मन्नतें मांगते हैं और संतान सुख की कामना करते हैं।
4. **उठवां (14 नवम्बर 2024)**: चौथे और अंतिम दिन को **उठवां** कहा जाता है, जब सूर्योदय के समय श्रद्धालु उबले हुए चने और दूध-जल से सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह **छठ पूजा** का समापन होता है। इस दिन व्रति अपने पूरे परिवार और समाज के लिए सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
### छठ पूजा की विशेषताएँ:
1. **सूर्य देवता की पूजा:** छठ पूजा में सूर्य देवता की पूजा की जाती है, क्योंकि सूर्य को जीवन का स्रोत माना जाता है। सूर्य देवता के प्रति श्रद्धा रखने से जीवन में सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, ऐसा विश्वास है।
2. **सच्चे मन से उपवास:** इस पर्व के दौरान महिलाएं और पुरुष पूरे दिन और रात उपवासी रहते हैं। यह उपवास खासतौर पर अपने परिवार की सुख-शांति और संतान सुख की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
3. **खुशहाली और समृद्धि की कामना:** छठ पूजा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवारों में खुशी और समृद्धि लाने का भी एक माध्यम मानी जाती है। व्रति सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष रूप से प्रार्थना करते हैं ताकि उनके जीवन में हर रूप में समृद्धि और सुख आए।
4. **सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:** यह पूजा समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने का प्रतीक है। यह पर्व समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। परिवार और समाज के लोग मिलकर एक-दूसरे की मदद करते हैं, और सामूहिक रूप से पूजा करते हैं।
### इस बार छठ पूजा में विशेष:
इस बार **2024** में **छठ पूजा** खास इसलिए है क्योंकि यह कुछ विशेष तिथियों के साथ मिलकर आ रही है, जिनका धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व है। सूर्य ग्रहण के बाद आने वाली यह पूजा और भी ज्यादा महत्व रखती है। साथ ही, इस बार **11 नवम्बर** से लेकर **14 नवम्बर** तक का समय आदर्श है, जो व्रति के लिए बहुत ही शुभ माना जा रहा है।
### निष्कर्ष:
छठ पूजा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व भी है जो परिवारों के बीच एकता और सामूहिकता का प्रतीक है। यह पर्व एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है और पूरे देश में खुशी और समृद्धि की कामना करता है। इस अवसर पर हर व्यक्ति को अपने परिवार और समाज की भलाई की प्रार्थना करनी चाहिए।
**छठ पूजा 2024** का पर्व आपके जीवन में खुशियां, समृद्धि और सफलता लेकर आए। सूर्य देवता के आशीर्वाद से आपका जीवन निरोग और सुखमय हो, यही हमारी शुभकामनाएं हैं।
**सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!**